Re: कुतुबनुमा
फिक्सिंग के जाल से बचना ही होगा
हमारे शास्त्रों में कहा गया है - अति सर्वत्र वर्जियेत। अति किसी भी चीज की हो, कहीं भी हो, खराब ही होती है। देश में क्रिकेट बेहद लोकप्रिय खेल हो चुका है। बारहों माह हमारे देश की टीम और उसके खिलाड़ी किसी न किसी मैच में खेलते दिखार्ई दे जाएंगे। इस खेल में खिलाड़ियों को पैसा भी मानो छप्पर फाड़ कर मिल रहा है, मगर फिर भी यह खेल स्पॉट फिक्सिंग के दलदल में फंसता चला जा रहा है। फटाफट क्रिकेट के नए संस्करण 'आईपीएल' ने भी देश के क्रिकेट प्रेमियों को एक नया मनोरंजन प्रदान किया। इस स्पर्धा में भी पैसा अनाप-शनाप है, लेकिन एक टीवी चैनल ने दावा किया कि उसने एक स्टिंग आपरेशन किया है, जिसमें कई खिलाड़ियों को छिपे हुए कैमरे में यह स्वीकार करते हुए कैद किया गया है कि उन्हें अनाधिकृत रूप से आईपीएल नीलामी में तय राशि से कहीं अधिक पैसा मिलता है। इसकी प्रारंभिक जांच हुई। आईपीएल के अध्यक्ष राजीव शुक्ला ने मंगलवार शाम घोषणा की कि पांच प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों को स्पाट फिक्सिंग प्रकरण में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से निलंबित कर दिया गया है। शुक्ला ने यह भी कहा कि ये खिलाड़ी तब तक निलंबित रहेंगे, जब तक आयुक्त रवि स्वामी इस मामले जांच पूरी नहीं कर लेते। स्वामी की रिपोर्ट बीसीसीआई की अनुशासन समिति को अंतिम कार्रवाई के लिए सौंपी जाएगी। निलंबित किए गए पांच खिलाड़ी टी.पी. सुधींद्र, मोहनीश मिश्रा, अभिनव बाली, अमित यादव और शलभ श्रीवास्तव हैं। इस पूरे प्रकरण में यह बात साफ हो गई कि क्रिकेट में इतनी दौलत बरसने के बावजूद खिलाड़ियों को पैसे के लिए किस तरह बरगलाया जा सकता है। ऐसे में सरकार और क्रिकेट प्रबंधन से जुड़े लोगों को इस पर न केवल गौर करना होगा, बल्कि यह भी ध्यान देना होगा कि भद्र लोगों का माना जाने वाला यह खेल कहीं फिक्सिंग में ही उलझ कर अपनी चमक न खो दे, क्योंकि आईपीएल तो वैसे भी विशुद्ध रूप से पैसों की चमक वाली स्पर्धा है। इस खबर के सामने आते ही उच्च स्तर पर हलचलें तेज हुई, जो यह जाहिर करता है कि सरकार इस विषय पर काफी गंभीर है। राजीव शुक्ला ने पहले ही कह दिया था कि यदि कोई खिलाड़ी स्पाट फिक्सिंग का दोषी पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आशा की जानी चाहिए भारतीय क्रिकेट में अब ऐसा नहीं होगा।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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