Re: क्या अल्पसंख्यक लॉलीपॉप हैं, नीतीशजी?
लीजिए, एक नई खबर। सुशासन बाबू ने अपनी बीस साला दुश्मनी को भुला दिया है और संभवतः अगला विधानसभा चुनाव वे लालू यादव से मिल कर लड़ सकते हैं।कहा जाता है कि घुटना पेट की तरफ ही मुड़ता है अर्थात सुशासन बाबू ने साबित कर दिया कि असल में वे वही हैं, जो लालू यादव हैं। सत्रह साल बीजेपी को धोखा देने के बाद यह तो होना ही था। … लेकिन सवाल यह है कि बिहार की जनता को आप कब तक धोखा देंगे सुशासन बाबू ? जनता अब सब समझ चुकी है कि आप सिर्फ कुर्सी के हैं, किसी और के नहीं। बेचारे शरद यादव का बुढ़ापा खराब कर दिया।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
|