06-05-2013, 07:31 PM
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Re: प्रेरक प्रसंग
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Originally Posted by aksh
एक बार कवि कालिदास बाजार में घूमने निकले.एक स्त्री घड़ा और कुछ कटोरियाँ लेकर बैठी थी ग्राहकों के इन्तजार में. कविराज को कौतूहल हुआ कि यह महिला क्या बेचती है ? तो पास जाकर पूछा " "बहन ! तुम क्या बेचती हो?"
महिला ने कुछ अजीब सी बात कही "मैं पाप बेचती हूँ. मैं लोगों से स्वयं कहती हूँ कि मेरे पास पाप है, मर्जी हो तो ले लो. फिर भी लोग चाहत पूर्वक पाप ले जाते हैं."
कालिदास उलझन में पड़ गये। पूछा " घड़े में कोई पाप होता है ?"
महिला बोली " हाँ... हाँ.. होता है, जरूर होता है. देखो जी, मेरे इस घड़े में आठ पाप भरे हुए हैं. 1. बुद्धिनाश, 2. पागलपन, 3. लड़ाई-झगड़े, 4. बेहोशी, 5.विवेक का नाश, 6. सदगुण का नाश, 7. सुखों का अन्त और 8. नर्क में ले जाने वाले तमाम दुष्कृत्य "
कालिदास की उत्सुकता बढ़ गयी और बोले " अरे बहन ! इतने सारे पाप बताती है तो आखिर है क्या तेरे घड़े में ? स्पष्टता से बता तो कुछ समझ में आये. "
वह स्त्री बोली " शराब ! शराब !! शराब !!! यह शराब ही उन सब पापों की जननी है. जो शराब पीता है वह उन आठों पापों का शिकार बनता ही है."
कालिदास उस महिला की चतुराई पर खुश हो गये.
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वास्तव में सभी बुराइयो की जड़ शराब ही है अक्ष जी
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