Re: भारतीय क्रिकेट में स्पिन गेंदबाजी के जाद&a
कुंबले के उदय से बहुत पहले, बल्कि भारतीय स्पिनर चौकड़ी से भी पहले जिस जादुई भारतीय स्पिनर का नाम आता है उसका नाम है सुभाष गुप्ते.
सोबर्स अपनी आत्मकथा में लिखते हैं कि गुप्ते से अच्छे लेग स्पिन गेंदबाज़ को उन्होंने नहीं खेला. वो कहते हैं कि बेशक शेन वॉर्न आज के युग के सबसे अच्छे लेग स्पिनर माने जाते हों लेकिन उन्होंने उनसे बेहतर गेंदबाज़ के खिलाफ क्रिकेट खेली है.
पॉली उमरीगर के अनुसार सुभाष गुप्ते दो तरह की गुगली गेंद करते थे. एक जब वह अपने दाहिने कान के पास अपना हाथ ले जाते थे और दूसरा जब वह हाथ को कान से दूर रखते थे.
गुप्ते के पास वॉर्न से कहीं ज़्यादा विविधता थी और उनकी गुगली को समझ पाना किसी के बूते की बात नहीं थी. वॉर्न गेंद को बहुत अधिक टर्न करते थे लेकिन स्पिन गेंदबाजी में टर्न ही सब कुछ नहीं होता. लेंथ और दिशा भी उतनी ही महत्वपूर्ण होती है.
वेस्ट इंडीज़ के तीन डब्लूज़ वॉरेल, वॉल्कॉट और वीक्स ने उनके खिलाफ रन जरूर बनाए थे लेकिन सुभाष ने उन्हें कई बार मुश्किलों में भी डाला था.
उस ज़माने में वेस्ट इंडीज़ के विकेट स्पिन गेंदबाज़ों को बिल्कुल भी मदद नहीं करते थे लेकिन इसके बावजूद 1952 की सिरीज़ में उन्होंने वहाँ 27 विकेट लिए थे.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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