Re: एक लम्बी प्रेम कहानी
आज उसी समय रीना ने राह चलते हुए कहा –
‘‘ काहे नै बता दे ही रधिया के सब साफ साफ, छो-पांच, छो-पांच की करो ही’’
‘‘डर लगो है वह सबके बता नै दे’’
‘‘ई में डरे की की बात है आज नै कल तो सब जनबे करतै।’’
उसी समस तय हो गया आज रधिया को सबकुछ बता देना है और जब वह मेरे घर आई तो उसे साफ साफ बता दिया कि मैं रीना से प्यार करता हूं। वह कोई दोपहर का समय था। घर के आगे बनी झोपड़ी में रीना बैठी थी, जब तक हम दोनों सो नहीं चले जाते तब तक आमने सामने रहते थे।
‘‘काहे ले हमरा परेशान करो हीं, हम रीनमा से प्रेम करो हिऔअ’’
मेरे मुंह से ऐसा सुनना कि रधिया के देह में जैसे आग लग गई वह गुस्से से तिलमिलाने लगी।
‘‘ की बोलोहो, हमर प्यार के कोई कीमत नै है।’’
‘‘ है नै, हम आदर करो ही ओकर, मुदा प्रेम तो एकेगो से होबो है ने’’
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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