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Old 17-12-2014, 06:01 PM   #24
rajnish manga
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Default Re: अलवर (राजस्थान) पर्यटन

भरथरी (भर्तहरी) गुफा तथा समाधि मंदिर
भृतहरि की परीक्षा

गुरु गोरखनाथ का शिष्य बनने के बाद भृतहरि के बारे में गोरखनाथ ने अपने अन्य शिष्यों से कहा कि यह देखो। राजा होकर भी इसने काम
, लोभ, क्रोध व अहंकार पर विजय पा ली है। अन्य शिष्यों को यह बात हजम नहीं हुई। उन्होंने कहा गुरु राजा की परीक्षा लेकर देख लो। राजा के पास 365 रसोइया हुआ करते थे। जो राजपरिवार व अन्य अतिथियों के लिये भोजन बनाते थे। इस तरह देखा जाये तो एक रसोइया साल में केवल एक दिन ही काम कर पाता था। 364 दिन इस इन्तजार में बीतते थे कि कब उसका नम्बर आयेगा और राजा से इनाम पायेगा?

गुरु ने परीक्षा लेने के लिये राजा को कहा जाओ, भण्डारे के लिये लकडियाँ ले आओ। राजा नंगे पैर सिर पर लकडियां लेकर आ रहा था। गुरु ने एक शिष्य से कहा, जाओ, उसे धक्का देकर गिरा दो। धक्का देने से राजा व लकडी दोनों गिर गये। राजा ने बिना कुछ कहे, पुन: लकडी उठायी और आश्रम की ओर चल दिये। गुरु बोले, ये देखो, राजा को जरा भी क्रोध नहीं आया।

शिष्य बोले गुरुजी और परीक्षा लो। अबकी बार गुरु जी ने अपनी माया से एक महल बना दिया। गुरु ने राजा को वह महल दिखाया। महल में युवतियाँ स्वादिष्ट भोजन के साथ उनका स्वागत करने लगी। राजा पर उस भोजन का व उन युवतियों का कोई प्रभाव दिखायी नहीं दिया। गुरु अपने शिष्यों से बोले, अब बताओ, राजा पास हुआ कि नहीं।

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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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