24-12-2015, 08:27 PM
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#48
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Re: स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर के गीत
2. गैरों पे करम अपनों पे सितम
Link:-
https://www.youtube.com/watch?v=4i469ztISIo
गैरों पे करम, अपनों पे सितम
ऐ जान-ए-वफ़ा, ये ज़ुल्म न कर
रहने दे अभी थोड़ा सा भरम
ऐ जान-ए-वफ़ा, ये ज़ुल्म न कर
हम चाहने वाले हैं तेरे, यूं हमको जलाना ठीक नहीं
महफ़िल में तमाशा बन जाएँ, इस दर्जा सताना ठीक नहीं
मर जायेंगे हम, मिट जायेंगे हम
ऐ जान-ए-वफ़ा...
गैरों के थिरकते शानें पर, ये हाथ गंवारा कैसे करें
हर बात गंवारा है लेकिन, ये बात गंवारा कैसे करें
तुझको तेरी बेदर्दी की कसम
ऐ जान-ए-वफ़ा...
हम भी थे तेरे मंज़ूर-ए-नज़र, जी चाहे तो अब इकरार ना कर
सौ तीर चला सीने पे मगर, बेगानों से मिलकर वार न कर
बेमौत कहीं मर जाएं न हम
ऐ जान-ए-वफ़ा...
फिल्म: आँखें
संगीतकार: रवि
गीतकार: साहिर लुधियानवी
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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