जन्मदिन
प्रायः लेखकों और कवियों के मित्रों की बड़ी चाँदी रहती है। अपनी गर्लफ्रेण्ड को प्रभावित करने के लिए उसके जन्मदिन से पहले अपने कवि मित्रों का दामन थामकर हाथ-पैर जोड़ने लगते हैं- 'गर्लफ्रेण्ड का जन्मदिन आ रहा है। जन्मदिन पर एक अच्छा सा गीत लिखकर दो, यार। नहीं तो मेरी नाक कट जाएगी। मेरी नाक कटने से अब तुम ही बचा सकते हो!' कई वर्षों तक मित्रों की निःशुल्क सेवा करने के बाद इश्क़िया समुदाय के दिल का अपार दुःख देखकर हमने 'सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय' यह निर्णय लिया कि जन्मदिन पर एक गीत लिखकर लोकार्पित करेंगे जिससे इश्क़िया समुदाय का दुःख-दर्द दूर हो सके। 'लैला-मजनू हीर-राँझा एण्ड रोमियो-जूलियट मेमोरियल ट्रस्ट' द्वारा संचालित 'दिल दुःख-दर्द भगाओ' योजना के अन्तर्गत लिखे गए इस गीत 'जन्मदिन' को कोई भी बोनाफ़ाइड आशिक़ या माशूक़ा बेधड़क होकर यहाँ से चुराकर अपने प्रियजनों को प्रेषित करने के लिए पूर्णतया स्वतन्त्र है! हमारे इस विलम्बित प्रयास को ही 'देर आए, दुरुस्त आए' कहते हैं, क्षमाप्रार्थी हैं!