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दो साल में मोबाइल हैंडसेट बदल लेते हैं ज्यादातर लोग : रिपोर्ट
नयी दिल्ली ! मोबाइल फोन अब सिर्फ संचार उपकरण नहीं रह गए हैं। नए एप्लिकेशंस के लिए अब ज्यादा से ज्यादा लोग दो साल के अंदर मोबाइल हैंडसेट बदल लेते हैं। उद्योग मंडल एसोचैम के एक अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है। देश के छह प्रमुख शहरों-दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलूर और हैदराबाद में किए गए इस सर्वेक्षण में 39 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे नए एप्लिकेशंस के लिए दो साल से कम समय में नया हैंडसेट खरीदते हैं। सर्वेक्षण में 20 से 30 साल के 1,370 लोगों को शामिल किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक तरह जहां हैंडसेट के दाम नीचे आ रहे हैं, वहीं लोगों की खर्च योग्य आमदनी बढ रही है। इस वजह से भी अब लोग जल्दी-जल्दी हैंडसेट बदल रहे हैं। सर्वेक्षण में कहा गया है कि पहली बार हैंडसेट खरीदने वालों के लिए ब्रांड ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। 39 फीसद ने इस बात से सहमति जताई। चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे तेजी से बढता हैंडसेट बाजार है। शहरी क्षेत्र में मोबाइल धारकों की संख्या 5.91 करोड़ है, जबकि ग्रामीण इलाकों में 3.01 करोड़ लोगों के पास मोबाइल फोन है। दूसरी बार हैंडसेट खरीदने वाला व्यक्ति गुणवत्ता पर ध्यान देता है। 15 प्रतिशत लोगों ने यह राय जताई। सर्वेक्षण में कहा गया है कि ज्यादातर लोग मोबाइल हैंडसेट खरीदने के लिए दोस्तों से सलाह लेते हैं। एसोचैम के महासचिव डी एस रावत ने कहा, ‘‘दूरसंचार उद्योग को नाम के महत्व को जानना चाहिए। विनिर्माताओं को खुद को विभिन्न कार्यक्रमों और अभियानों से जोड़ना चाहिए, जिससे उनके ब्रांड की पहचान बनेगी।’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि कई तरह के फीचर्स मसलन एप्लिकेशंस, ब्लूटूथ, जीपीआरएस, कैमरा, एफएम रेडियो और एमपी 3 प्लेयर हैंडसेट खरीदने के इच्छुक युवा को प्रभावित करते हैं।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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