Re: डार्क सेंट की पाठशाला
हर तर्क को गौर से सुनें
जीवन आसान नहीं है। मुश्किलें भी आएंगी। कई बार यह तय करना मुश्किल होता है कि आप सही हैं या नहीं। संदेह होता है कि कहीं आपका फैसला गलत न हो जाए। आपकी दूसरी बड़ी जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना है कि आप जो कर रहे हैं, वह सही है या नहीं। जब कोई फैसला करें, तो उन लोगों से जरूर बात करें, जो आपसे असहमत हैं। जो आपकी हां में हां मिलाते हैं, सिर्फ उनकी सुनने से बात नहीं बनेगी। आप उनके भी तर्क सुनें, जो आपके फैसले से सहमत नहीं हैं। इस बारे में बिल्कुल स्पष्ट और निष्पक्ष रवैया होना चाहिए। अगर लगे कि सामने वाला शख्स सही बोल रहा है, तो उसकी जरूर सुनें। लचीला रुख आपको सही फैसला लेने में मदद करता है। यह कभी न भूलें कि आपकी शिक्षा और आपकी तरक्की में आपके माता-पिता, परिवार और दोस्तों का सहयोग भी शामिल है। उन्होंने किसी न किसी रूप में आपकी मदद जरूर की है। यह बात आपको समझनी होगी। आप इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते। करियर में जब आप कोई बड़ा लक्ष्य हासिल करते हैं, तो यकीनन उसमें आपकी टीम, आपके सहकर्मियों का योगदान शामिल होता है। आपके साथ ही वे भी बधाई के पात्र हैं। सफलता मिलने पर टीम को श्रेय देना न भूलें। यकीन मानिए, जब दूसरों को श्रेय देते हैं, तो वे इससे प्रोत्साहित होते हैं। यह प्रोत्साहन बहुत जरूरी है भविष्य में आगे और बड़े लक्ष्य हासिल करने के लिए। आपको दूसरों के योगदान और उनकी अहमियत को महत्व देना चाहिए। यह नजरिया आपको नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। उन लोगों का पूरा ध्यान रखें, जिन्होंने हालात बदलने के लिए कड़ी मेहनत की, क्योंकि उनके मन में भविष्य को लेकर सकारात्मक नजरिया था। तमाम दिक्कतों के बावजूद उन्होंने उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा। उन्होंने आपके साथ कदम से कदम मिला कर काम किया। इसलिए बहुत जरूरी है कि आप ऐसे लोगों को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित करें।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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