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Originally Posted by yuvraj
इस सूत्र की अपनी पहली प्रविष्टि में क्वेट की गयी प्रविष्टि को अनावश्यक मानता हूँ और उसपर किसी नियम की आवश्यकता नहीं समझता।
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इसका मतलब है कि आपके कहने का मतलब ये था " इसे नियमों में लेकर आना अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है. "