Quote:
Originally Posted by deep_
ह्म्म...
आपने प्रशासन को अवज्ञत करने की कोशिश की तो है। लेकिन आपका मुख्य संदेश सेकेन्डरी हो रहा है। आपने टिप्पणीयों का रुप आपके नए अवतार के अनुरुप रखा हुआ है। दरअसल आपको गंभीरता दिखानी चाहिए थी, वरना कुछ सदस्य ईसे हास्य-व्यंग समज कर ईसका हार्द समजने की कोशिश नहीं करेंगे।
|
अब मैंने जो शुभारंभ किया था, उसपर पवित्रा जी, दीप जी (यानि आप खुद), रजनीश मांगा जी का टिप्पणी तो गंभीर प्रकृति है, यानि मेरे बात को पहले हलके मे नहीं लिया गया, फिर आप कैसे कह सकते है कि मुझे गंभीरता दिखानी चाहिए थी, गंभीरता तो प्रबंधन और अन्य सदस्यो को दिखानी चाहिए थी। मैंने तो अपना कार्य कर दिया था।
बाद मे रजनीश मांगा जी की टिप्पणी से मुझे बहुत क्षोभ हुआ, और मैंने ये रवैया देख कर बाईज्जत वहा से पतली गली से निकलने मे ही भलाई समझी।
भाई "खाली दिमाग" का मालिक तो मै हूँ। क्या आप लोगो को भी कही संगत का असर तो नहीं पड़ गया है।