Re: तर्क-वितर्क
उपरोक्त समाचार में विचारणीय तथ्य यह है कि ने आखिर छात्रा ने ऐसी कौन सी विशेष बात कही जिससे छात्र ने आगबबूला होकर थप्पड़ जड़ दिया? प्रायः छात्र किसी छात्रा को ऐसे नहीं थप्पड़ जड़ देते हैं, क्योंकि यह सर्वविदित अकाट्य तथ्य है कि प्रायः लड़के लड़कियों को तेल लगाने में और उनकी चमचागीरी करने में व्यस्त रहते हैं। आइए, हमारे साथ आप भी उस 'विशेष बात' को सोचिए और अपनी टिप्पणी में बताइए। इस लेख को पढ़कर अब आप सभी अपने मन में यह भ्रान्ति कदापि न पालिएगा कि 'सभी मामलों के विशेषज्ञ' सूत्र-लेखक अपनी बुद्धि के कारण लड़कियों की 'चाँदमारी' से बच जाते होंगे। इधर तो हाल और भी बुरा है। सूत्र-लेखक तो अकारण ही लड़कियों से बड़े-बड़े साइज़ के इतने जूते-चप्पल और सैंडल पा चुके हैं कि उससे छोटी-मोटी जूते-चप्पल की दूकान खोली जा सकती है! यहाँ पर यह बात उल्लेखनीय है कि इन 'आकस्मिक दुर्घटनाओं' के पीछे सूत्र-लेखक का नहीं, अपितु गूगल और पाकिस्तान का हाथ रहा है। सभी नेता फँस जाने पर अंततः पाकिस्तान का ही नाम बताते हैं तो हम क्यों पीछे रहें?
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