Re: बॉलीवुड शख्सियत
सुरैया: कुछ जानने योग्य बातें
सन 43-44 में निर्माता जयंत देसाई की फिल्म 'चंद्रगुप्त' के एक गाने के रिहर्सल के दौरान सुरैया को देखकर के.एल.सहगल काफी प्रभावित हुए और उन्होंने जयंत देसाई से सुरैया को फिल्म 'तदबीर' में काम देने की सिफाशि की। साल 1945 मे प्रदर्शित फिल्म 'तदबीर' में के.एल. सहगल के साथ काम करने के बाद धीरे-धीरे उनकी पहचान फिल्म इंडस्ट्री में बनती गयी।
साल 1949-50 में सुरैया के सिने करियर में अभूतपूर्व परिवर्तन आया। वह अपनी प्रतिद्वंदी अभिनेत्री नरगिस और कामिनी कौशल से भी आगे निकल गईं। इसका मुख्य कारण यह था कि सुरैया अभिनय के साथ-साथ गाने भी गाती थीं। 'प्यार की जीत', 'बड़ी बहन' और 'दिल्लगी' जैसी फिल्मों की कामयाबी के बाद सुरैया शोहरत की बुलंदियों पर जा पहुंची।
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
|