Re: गायत्री उपासना-शंकाएँ एवं समाधान
इस संदर्भ में कुछ प्रमाण इस प्रकार है -
ये स्तुर्वान्त जगन्मातर्भवतीमम्बिकेति च। जगत्मयीति मायेति सर्वतेषां प्रसिद्धचति॥
जो आपकी जगत्माता- जगत् की माता, अम्बिका जगतमयी और इसी अनादि कारण शक्ति के रूप में स्तुति किया करते हैं, उनके समस्त कार्य सिद्ध हो जाया करते हैं।
__________________
************************************
मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... .
तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,...
तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये ..
एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी,
बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी..
*************************************
|