Re: समर्पण :.........
समर्पण :
एक बालक अपने माँ-बाप
की खूब सेवा किया करता !
उसके दोस्त उससे कहते कि अगर
इतनी सेवा तुमने भगवान
की की होती तो तुम्हे
भगवान मिल जाते !
लेकिन इन सब चीजो से
अनजान वो अपने
माता पिता की सेवा करता रहा !
एक दिन उसकी माँ बाप
की सेवा-भक्ति से खुश होकर
भगवान धरती पर आ गये !
उस वक्त वो बालक
अपनी माँ के पाँव
दबा रहा था !
भगवान दरवाजे के बाहर से
बोले-
दरवाजा खोलो बेटा मैं
तुम्हारी माता-
पिता की सेवा से प्रसन्न
होकर तुम्हे वरदान देने
आया हूँ !
बालक ने कहा -इंतजार
करो प्रभु मैं माँ की सेवा मे
लगा हूँ !
भगवान बोले -देखो मैं वापस
चला जाऊँगा !
बालक ने कहा -आप जा सकते है
भगवान मैं सेवा बीच मे
नही छोड़ सकता !
कुछ देर बाद उसने
दरवाजा खोला तो क्या देखता है
भगवान बाहर खड़े थे !
भगवान बोले -लोग मुझे पाने के
लिये कठोर
तपस्या करते है पर मैं तुम्हे सहज
ही मे मिल गया पर तुमने
मुझसे प्रतीक्षा करवाई !
बालक ने जवाब दिया -हे ईश्वर
जिस माँ बाप
की सेवा ने आपको मेरे पास
आने को मजबूर कर
दिया उन माँ बाप
की सेवा बीच मे छोड़कर मैं
दरवाजा खोलने कैसे आता :.........
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