यादों के झरोखे से एक पैगाम प्यार के नाम
दोस्तों आज पूरी दुनिया प्यार का दिन मनाने के लिए बेताब है और अच्छा भी है एक दिन ही सही सब अपने हरेक रिश्ते के प्यार को याद करते हैं दिल से नफ़रत को दूर करके प्यार को बसाना बहुत अछि बात है न और मेरा मानना है की हरेक इंसान के जीवन में प्रेम ने कभी न कभी दस्तक दी ही होती है और हरेक इंसान के जीवन में अपने प्रिय व्यक्ति के लिए विशेष स्थान होता ही है जिसको इस प्यार के दिन वो याद करना नहीं भूलता बस एइसे ही कुछ भाव लेकर मैंने ये कविता लिखी है शायद आप लोगो को पसंद आ जाए .
आँगन की जब खुली खिड़कियाँ
चिड़ियों का बस सुना चहकना
कर जाता है मन को हर्षित
सांसो में, ठंडी बयार बही अब फुहार संग
मन का कोना कोना भीगा
आ गई मीठी मुस्कान होठों पर अब तो
मन ने कहा बीती यादों में खोना है
खो जाऊ और खुश हो लूँ क्यूंकि
जीवन का वो ही एक पल तो सलोना है
एक नज़र वो स्नेह सभर कर गई
एकपल में संग कई जीवन का सफ़र
वो स्नेहल वर्तन जिसमे निमग्न
मेरा मन आज भी मन को भा जाये
वो प्यारा सा प्यार,
था जिसका आँखों में इज़हार
खड़ी सामने वो झिलमिल झिलमिल करती शमाएं
बर्फीली सुबह माह पूस की फिर भी ललाट पर आये पसीने
आ जाये मानो सूरज की पूरी लालिमा शर्म सुर्खी से चेहरा उसका भर जाये .
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यादें मन में जाग रही हैं आज प्यार के खास दिवस में
दिल में प्यार ही प्यार भरा है
जीवन की भट्ठी में निखरा
प्यार का सोना सदा खरा है
जी न सकूँ वो जीवन मेरा है
चाहूँ उसको जितना भी उतना कम है
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