Re: अकबरे आजम के देश में मियां अकबरुद्दीन
निश्चित ही यह भाषण एक समुदाय विशेष को गलत दिशा की तरफ बढाने के संकेत की तरह है। ऐसे स्वनामधन्य समाज उद्धारक एक निर्धारित परिधि के अन्दर ही रह कर कुछ भी बोलते रहते हैं। किसी भी समुदाय में धार्मिक भावनाओं को भड़का कर समाज को आक्रोशित और उत्तेजित करना बहुत ही सरल कार्य है। लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए ऐसे वक्ता यह सर्वथा उपयुक्त अस्त्र प्रतिपल पास रखते हैं।
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