Quote:
Originally Posted by vidrohi nayak
क्या भारतीय समाज के अनुसार निर्धारित किये गए हास परिहास के रिश्तों में अश्लीलता या द्विअर्थिक बातो का होना लाज़मी है ? चूँकि अश्लीलता के पक्ष में कोई नहीं जाएगा अतः यह स्पष्ट करें की क्या द्विअर्थिक हास परिहास जायज है
?
|
शालीनता के हद तक कोई भी मजाक ठिक हैँ
हमारे भारतीय परिवेश के मुताबिक कई रिश्ते मजाक के दायरे मेँ आता हैँ
लेकिन हमेँ देखना परेगा किसी का दिल ना दुःखे
वैसे भी अगर कोई गलत करेगा तो उनके साथ गलत होगा
जैसे अगर भाई के साली के साथ आप गलत तरह के मजाक करेगेँ तो आपके घर मेँ भी किसी के भाई का साला रहती हैँ