05-11-2014, 04:59 PM
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#1001
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
Quote:
Originally Posted by dr.shree vijay
हर सफ़र में ये दुनियादारी शामिल नहीं होती,
हर राह पर खड़ी कोई मंज़िल नहीं होती ॥
(अज्ञात)
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तिरछी नजर का तीर है मुश्किल से निकलेगा,
दिल उसके साथ निकलेगा, अगर ये दिल से निकलेगा।
(फानी' बदायुनी)
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