'गोल्डन ओवर' के नाम पर दिल के डॉक्टर वह कर डालते हैं जिसकी जरूरत नहीं होती। हार्ट के डॉक्टर गोल्डन ओवर उस खास समय को कहते हैं जिसके भीतर इलाज किया जाए तो आदमी की जान बचाई जा सकती है। जाहिर है कोई भी अनभिज्ञ मरीज इस 'कीमती' वक्त को खोना नहीं चाहता।
चेस्ट पेन उन कुछ कारणों में से एक है जिसकी वजह से लोग इमरजेंसी चिकित्सीय मदद की गुहार लगाते हुए अस्पताल पहुँचते हैं। हर साल पूरी दुनिया में इमरजेंसी रूम के डॉक्टर छाती के दर्द के साथ बदहवास आए करोड़ों मरीजों का मुआयना करते हैं लेकिन इनमें करीब 33 प्रतिशत दर्द ही कार्डिएक यानी हाई रिस्क होते हैं।
कभी-कभी किसी डॉक्टर के लिए भी यह कहना कठिन हो जाता है कि चेस्ट पेन हो क्यों रहा है। वह जानलेवा हो सकता है या नहीं। कुछ टेस्ट ही इसे जानने का तरीका हो सकता है। छाती में दर्द फेफड़े, खाने की नली, पेट, मांसपेशी, हड्डी या त्वचा, एसिडिटी, गैस, किसी भी वजह से हो सकता है।
कभी-कभी न्यूमोनिया भी छाती में दर्द का कारण बनता है। कहने का यह मतलब कतई नहीं है कि छाती में दर्द हो तो उसे मामूली समझ कर उसकी अनदेखी करें। कभी-कभी जिसे हम पेट का दर्द समझते हैं, वह हार्ट अटैक का दर्द हो सकता है इसलिए छाती में दर्द का आकलन तो होना ही चाहिए लेकिन आप चौकस जरूर रहें। कहीं डॉक्टर बेवजह आपके दिल से छेड़छाड़ न कर दे।
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