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Old 29-12-2012, 08:05 PM   #14
jai_bhardwaj
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Default Re: मंत्र संग्रह

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Originally Posted by aspundir View Post
पीलिया का मंत्र

ॐ नमो आदेश गुरु का... श्रीराम सर साधा... लक्ष्मण साधा बाण... काला-पीला-रीता.... नीला थोथा पीला.... पीला चारों झड़े तो रामचंद्रजी रहै नाम.... मेरी भक्ति.... गुरु की शक्ति.... फुरे मंत्र ईश्वरोवाचा।
काँसे के पात्र में जल भरकर, नीम के पत्तों को सरसों के तेल में भीगोकर इस मंत्र का जाप करते हुए रोगी को सात बार झाड़े। शीघ्र लाभ होगा।
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Originally Posted by aspundir View Post
प्रसव पीड़ा

मंत्रः ॐ कौंरा देव्यै नमः। ॐ नमो आदेश गुरु का.... कौंरा वीरा का बैठी हात... सब दिराह मज्ञाक साथ.... फिर बसे नाति विरति.... मेरी भक्ति... गुरु की शक्ति.... कौंरा देवी की आज्ञा।
प्रसव के समय कष्ट उठा रही स्त्री को इस मंत्र से अभिमंत्रित किया हुआ जल पिलाने से वह स्त्री बिना पीड़ा के बच्चे को जन्म देती है।
पुंडीर जी, हार्दिक अभिवादन।
मैं इस विषय में अधिक जानकारी के लिए लालायित हूँ। मैं गलत भी हो सकता हूँ किन्तु मैंने उपरोक्त भाषा में तांत्रिक मन्त्र देखे हैं जिनमे अपने गुरु अथवा किसी अन्य ज्ञानी पुरुष के आदेश को उद्धृत किया जाता है और कई मन्त्रों में तो इन्हें आहूत भी किया जाता है ... ये सात्विक मन्त्र नहीं। ये झाड-फूँक के लिए प्रयुक्त होने वाले मन्त्र प्रतीत होते हैं। हाँ यह सच है कि ये मन्त्र भी सिद्ध करने के बाद ही प्रयुक्त किये जा सकते हैं। ये स्वघाती भी होते हैं।
मेरे विचार से सूत्र की प्रथम प्रविष्टि में आपको एक सूचना अवश्य चिपका देनी चाहिए कि " सदस्य इन मन्त्रों को प्रयुक्त करने से पूर्व योग्य और प्रशिक्षित गुरु का सानिध्य अवश्य प्राप्त करें। किसी भी प्रकार के दैहिक, मानसिक और आर्थिक संताप के लिए मंच दोषी नहीं होगा।"
मेरे विचारों से सहमत होना आवश्यक नहीं है। धन्यवाद।
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तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

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