Re: आतंरिक सुंदरता
स्थायी महत्व दिलाता है आंतरिक सौंदर्य
सामाजिक कार्यकर्ता डा. रंजना कुमारी कहती हैं कि व्यक्ति का बाहरी सौंदर्य भले ही शुरुआती दौर में दूसरों को आकर्षित करता है पर अंत में आंतरिक सौंदर्य ही किसी व्यक्ति को हमारे जीवन में स्थायी महत्व दिलाता है। प्रेम, परोपकार, करुणा, सहानुभूति, ममता, क्षमा व त्याग आदि जैसी आंतरिक विशेषताओं व गुणों से संपन्न व्यक्ति ऐसा प्रभाव छोड़ता है कि उसका साधारण रंग रूप भी दूसरों पर गहरा असर छोड़ता है। व्यक्ति का बाहरी सौंदर्य दूसरों को एक बार आकर्षित तो कर सकता है पर आत्मीयता व घनिष्ठता कायम करने के लिए अंत में आंतरिक गुण ही काम आते हैं। बाहरी रूप आकांक्षाओं की कुछ हद तक पूर्ति कर सकता है लेकिन चारित्रिक गुण सामाजिक मूल्यों के विकास में योगदान देकर अपनी उपादेयता सिद्ध करते हैं।
आंतरिक सौदर्य से मिली सफलता
पर्सनाल्टी डेवलमेंट विशेषज्ञ रूचि गर्ग कहती हैं कि जिस तरह शारीरिक सुंदरता को उसकी उचित देखभाल से बढ़ाया जा सकता है ठीक उसी तरह आंतरिक सौंदर्य को निखारने-संवारने के लिए चारित्रिक गुणों की आवश्यकता होती है। महाकवि कालिदास, दार्शनिक सुकरात, हास्य सम्राट चार्ली चैपलिन, अब्राहम लिंकन, नेपोलियन आदि महापुरुषों ने अपनी बाहरी कुरुपता व साधारण कद काठी की भरपाई अपने-अपने क्षेत्र में अर्जित महान उपलब्धियों के जरिए की थी। ऐसी और भी कितनी ही महाविभूतियां हैं जो बाहरी सौंदर्य के मानदंडों पर कहीं भी नहीं ठहरतीं। लेकिन उनहोंने अपने आंतरिक गुणों व विशेषताओं की प्रखरता से ऐसा मुकाम हासिल किया जो उनको इतिहास पुरुष बना गया। आंतरिक सौंदर्य से भरपूर व्यक्ति के बाहरी चेहरे मोहरे वेश-भूषा व हावभाव पर इतना ध्यान ही नहीं जाता हम उसके आंतरिक व्यक्तित्व की चमक से इतने अभिभूत होते हैं कि वे हर हालत में हमें सुंदर ही लगते हैं।
आंतरिक सौंदर्य का करें विकास
आंतरिक सौंदर्य ही वास्तविक है। आस्था ही इस नैतिक चरित्र को विकसित करती है। नैतिकता और एकाग्रता से मस्तिष्क के विकारों को दूर किया जा सकता है। आंतरिक सौंदर्य बढ़े इसके लिए अपनी भावनाओं पर नियंत्रण करके ही मस्तिष्क का भरपूर उपयोग किया जाए। बाहरी सौंदर्य जहां दिग्भ्रमित करता है वहीं आंतरिक सौंदर्य एकाग्र होकर सोचने विचारने और निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ता है। इसलिए बाहरी खूबसूरती के मोहपाश में जकड़े रहने से अच्छा है अपना आंतरिक सौंदर्य बढ़ाए क्योंकि यही आपके जीवन को एक अलग दिशा दे सकता है।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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