Re: प्रेरक प्रसंग
एक बार भगवान बुद्ध को प्यास लगी और उन्होंने अपने शिष्य आनंद को पास के झरने से पानी लेने भेजा. उस झरने में थोड़ी देर पहले कुछ पशु नहाये थे जिसकी वजह से उस झरने का पानी गंदा हो गया था. शिष्य आनंद बिना पानी लिये वापस आ गया और भगवान् बुद्ध को हाल सुनाकर बोला " मैं किसी और नदी से पानी ले आता हूँ "
किंतु भगवान बुद्ध ने उसी झरने से पानी लाने को पुनः कहा. पर पानी तो अब भी गंदा ही था इसलिए आनंद फिर से वापस आ गए और वही बात दोहरा दी किन्तु भगवान् बुद्ध ने फिर से उसी झरने से पानी लाने के लिए कहा. आनंद फिर से पानी लेने गए और वापस आ गए par तीन बार ऐसा करने के बाद जब चौथी बार आनंद पानी लेने गए तो पानी तब तक साफ हो चुका था और वो स्वच्छ जल लेकर भगवान् बुद्ध के पास आ गये.
पानी पीते हुये भगवान बुद्ध ने कहा " आनंद, हमारे जीवन का जल भी कुविचार रूपी पशु लौटने से गंदा होता रहता है और हम उससे डरकर भाग खड़े होते हैं पर यदि हम भागें नहीं और मन के शांत होने की प्रतीक्षा करें तो सब कुछ साफ हो जायेगा. बिलकुल झरने के पानी की तरह.
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