Re: कुछ पल जगजीत सिंह के नाम :देवराज के साथ
उसकी बातें तो फूल हो जैसे,
बाकि बातें बाबुल हो जैसे,
छोटी छोटी सी उसकी वो आंखे,
दो चमेली के फूल हो जैसे,
उसकी हसकर नज़र झुका लेना,
साडी शर्ते कुबूल हो जैसे,
कितनी दिलकश है उसकी ख़ामोशी,
सारी बातें फिजूल हो जैस..
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मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... .
तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,...
तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये ..
एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी,
बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी..
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