Re: देख कर तस्वीर तेरी तुझ से बातें करता हूँ
[QUOTE=Bansi Dhameja;559192][size=4][color=blue]मेरी किताब "मन के मोती" जो मैने अपनी दोस्त , हमसफ़र , जीवन संगनी को समर्पित की है उस में से एक कविता
देख कर तस्वीर तेरी तुझ से बातें करता हूँ
जानता हूँ नहीं देगी जवाब फिर भी बातें करता हूँ
छुपा कर रखे थे कुछ राज़ ता कि तुझे दुख ना हो
वो राज़ अब दिल खोल कर तेरे सामने रखता हूँ
देख कर तस्वीर तेरी तुझ से बातें करता हूँ
ज़िंदगी के हर मोड़ पर मेरा साथ निभाया तूने
खुद को दुखी कर के भी अपना फ़र्ज़ निभाया तूने
जब भी डगमगाए कदम मेरे मेरा हाथ थामा तूने
मुझे मेरे फ़र्ज़ निभाने में पूरा साथ दिया तूने
जिस मुकाम पर मैं आज हूँ मुझे पहुँचाया तूने
यह सब सोच कर बहुत खुश होता हूँ
देख कर तस्वीर तेरी तुझ से बातें करता हूँ
दो परिंदों को साथ देख तुझे याद करता हूँ
हर पल तुझे अपने साथ महसूस करता हूँ
तिनका तिनका जोड़ बनाया आशियाना हमने
वो हर एक तिनका हर पल बार बार याद करता हूँ
कितनी ना हसीन ज़िंदगी तेरे साथ गुज़ारी मैने
हर एक पल ज़िंदगी का उन यादों के सहारे जीता हूँ
देख कर तस्वीर तेरी तुझ से बातें करता हू
तेरे जाने का गम तो है मगर एक खुशी का अहिसास भी है
ना ज़ियादा दुख दिया तूने ना ज़ियादा दुख झेला तूने
हर जनम में मिले साथ तेरा खुदा से इलतजा करता हूँ
देख कर तस्वीर तेरी तुझ से बातें करता हूँ
बंसी धमेजा
जीवन के सच्चे अहसास को जीवंत बनाया आपने सुन्दर शब्दों से आपने बंशी जी बेहद मार्मिक कविता .. धन्यवाद
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