26-09-2014, 11:19 PM
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#27
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Re: गोरैया की आवाज़
कविता > नन्हीं चूं चूं आ जा तू
(साधना वैद)
रंग बिरंगे तेरे डैने मेरे मन को भाते हैं ,
मैं भी तेरी तरह उड़ूँ ये सपने मुझकोआते हैं ,
आसमान में अपने संग मुझको भी लेकर उड़ जा तू !
प्यारी चूँ-चूँ आजा तू भोली चूँ-चूँ आ जा तू !
सबका दिल बहला जा तू नन्हीं चूँ-चूँ आ जा तू !
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एक बार फिर आ गौरैया
(विवेक)
दिन यह तेरे नाम कर दिया
बहुत बड़ा यह काम कर दिया
तुझको आज सलाम कर दिया
पंख जरा फैला गौरैया
एक बार फिर आ गौरैया
तेरी बहुत याद आतीहै
यूँ तो रूठ न जा गौरैया
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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