06-04-2013, 08:20 PM
|
#32
|
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
|
Re: इधर-उधर से
घड़ी
(रचना: बालकृष्ण गर्ग)
टिक टिक टिक टिक बोल रही :
मेरी पहली सीख यही-
“समय न बीते व्यर्थ कहीं!”
टिक टिक टिक टिक बोल रही,
मेरी अगली सीख यही-
“काम समय पर करो सही!”
टिक टिक टिक टिक बोल रही,
मेरी अंतिम सीख यही-
“बुरे काम तुम करो नहीं!”
|
|
|