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Originally Posted by pavitra
उसके आने से जिन्दगी गुलजार हो जाये,
मैं आँखें खोलूँ और उसका दीदार हो जाये,
उसकी नजरों की इनायत इस तरह हो मुझ पर ,
कि मुझे खुद से ही प्यार हो जाये.....
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वाह-वाह, क्या बात है, पवित्रा जी। एक से बढकर एक शायरी कह रही है आजकल आप। ऐसा बहुत कम देखा और सुना गया। पहले शून्य थे, फिर अचानक चमत्कार पर चमत्कार करने लगे। मेरा दिल कहता है अभी आप और चमत्कार करेगी। बधाइयाँ।