Re: क ख ग घ
ये तो मैंने अपनी बात बताई लेकिन सच्चाई यही है कि हममे से ज़्यादातर लोगों को आज हिंदी बस बोलने भर कि आती है, हम खुद ही अपनी रास्ट्रीय भाषा को मार रहे हैं, क्यूंकि अगर ऐसा नहीं होता तो हमको हिंदी दिवस मानाने कि जरुरत ना पड़ती।
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