Re: पता नहीं बेटा
और पिता जी!
हाँ, बेटा?
प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त के अपने भाषण में बलूचिस्तान, गिलगित आदि में मानव अधिकारों के हनन और उनकी आज़ादी का ज़िक्र क्यों किया?
उन्होंने तो पाकिस्तान को आईना दिखाया है, बेटा. वो कश्मीर में आतंक को बढ़ावा दे रहे हैं, तो उनके अपने इलाकों में क्या हो रहा है, इस बारे में भी तो विश्व को मालूम होना चाहिये. बलूचिस्तान की आज़ादी के लिये बलूची नौजवान कमर कसे बैठे हैं. यह हमारी सरकार की ओर से खेला गया एक राजनीतिक दाँव था, बेटा.
लेकिन क्या इससे कश्मीर में जारी खून-खराबा समाप्त हो जायेगा?
पता नहीं, बेटा.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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