11-04-2014, 05:55 PM
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Re: Movie Review :.........
'भूतनाथ रिटर्न्स' :....
Genre: हॉरर कॉमेडी,
Director: नितेश तिवारी,
Plot:
इस फिल्मी फ्राइडे अमिताभ बच्चन स्टारर और साल 2014 की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘भूतनाथ रिटर्न्स’ रिलीज हो गई है।
अमिताभ की इस फिल्म को देखने के बाद सबसे पहले यह फील होता है कि इस फिल्म का नाम ‘भूतनाथ रिटर्न्स’ होने के बजाय ‘इलेक्शन रिटर्न्स’ या फिर ‘एनी बडी कैन वोट’ होना चाहिए था। वहीं, इस फिल्म को देखकर ऐसा भी महसूस होता है कि नितेश तिवारी दूसरे हाफ में यह भूल गए हैं कि अमिताभ फिल्म में भूत की भूमिका निभा रहे हैं।
नितेश के निर्देशन में बनी ‘भूतनाथ रिटर्न्स’ में कई खामियां हैं, लेकिन अमिताभ बच्चन, बोमन ईरानी और चाइल्ड आर्टिस्ट पार्थ भालेराव की परफॉर्मेंस फिल्म को देखने लायक बनाती है।
‘भूतनाथ’ का मूल विचार इस फिल्म के सीक्वल में खोया हुआ लगता है। फिल्म के शुरुआती 45 मिनट को छोड़ दिया जाए, तो ‘भूतनाथ रिटर्न्स’ एक गंभीर और राजनीतिक विषय पर आधारित फिल्म है।
अमिताभ बच्चन फिल्म में स्पीच देते हुए लोगों को मतदान करने के बारे में समझाते हैं। इन शॉर्ट कहा जाए, तो वह फिल्म में चुनाव का प्रचार करते हुए दिख रहे हैं।
वास्तव में, चुनाव आयोग वोटरों की संख्या बढ़ाने में इस फिल्म का उपयोग कर सकता है। वैसे, कुछ दिनों बाद आप ये सुनें कि ‘भूतनाथ रिटर्न्स’ एंटरटेनमेंट टैक्स फ्री हो गई है, तो आप चौंकिएगा मत।
कहानी :
'भूतनाथ रिटर्न्स' की कहानी वहां से शुरू होती है, जब भूतनाथ दुनिया से विदा लेकर स्वर्ग पहुंच जाता है। यहां पर पहले से मौजूद भूत उसका मजाक उड़ाते हैं। सारे भूत, भूतनाथ (अमिताभ) को यह कहकर चिढ़ाते हैं कि वो एक बच्चे को नहीं डरा पाया और उसने कैसे भूतों का मजाक बना दिया।
अब भूतनाथ काफी निराश है और वो भगवान से कहता है कि वो उन्हें एक और मौका दे खुद को साबित करने का। भगवान भी उनकी सुन लेते हैं और भूतनाथ को दोबारा धरती पर बच्चों को डराने के लिए भेज देते हैं। इस बार भूतनाथ की मुलाकात अखरोट (पार्थ) से होती है। अखरोट भूतनाथ को देख सकता है।
अखरोट कई बार मुश्किलों में भी फंसता है, लेकिन भूतनाथ उसकी बार-बार मदद करता है और साथ में देश को सुधारने के प्रयास में भी जुट जाता है। भूतनाथ के काम में अखरोट और मिष्टी बेहुद (संजय मिश्रा) उनका पूरा साथ देते हैंं।
फिल्म में कहीं-कहीं कुछ दिलचस्प मोड़ और कॉमेडी सीक्वेंस हैं, जिन्हें देखकर आप हंसने पर मजूबर हो सकते हैं। वैसे, भूतनाथ जी फिल्म में और क्या-क्या करते हैं, इसे जानने के लिए आपको सिनेमाघर का रुख करना पड़ेगा।
क्या यह एक और राजनीतिक फिल्म है ? :
देश के मूड को ध्यान में रखते हुए इस साल कई पॉलिटिकल फिल्में रिलीज हुई हैं, तो कुछ होंगी। ‘जय हो’, ‘यंगिस्तान’, ‘ओ तेरी’ जैसी कई और फिल्में हैं, जिन्हें राजनीति से रिलेट करते हुए बनाया गया है या बनाया जा रहा है। वैसे, ‘भूतनाथ रिटर्न्स’ भी इस लिस्ट में शामिल हुई एक और फिल्म है। फिल्म का आइडिया और कॉन्सेप्ट नया नहीं है। इस फिल्म में उन भ्रष्ट राजनेताओं को चैलेंज किया गया है, जो पात्र और ईमानदार नहीं होने के बावजूद चुनाव लड़ते हैं। फिल्म के क्लाइमैक्स में आम जनता को भ्रष्ट राजनीति का पाठ पढ़ाया जाता है। फिल्म की स्क्रिप्ट उम्मीद के मुताबिक है। यहां फर्क सिर्फ इतना है कि हीरो एक भूत है।
हालांकि, निर्देशक नितेश तिवारी ने फिल्म को अच्छा बनाने की पूरी कोशिश की है। फिल्म में एक अच्छा संदेश है, जो शेयर करने लायक है।
अमिताभ बच्चन का रोल कैसा है ? क्या वह फिल्म के बेस्ट एक्टर हैं ? नए बच्चों के साथ उनकी बॉन्डिंग कैसी है? :
दूसरे पार्ट में अमिताभ की बॉन्डिंग बैक सीट पर है और राजनीति ड्राइविंग सीट पर। फिल्म में अमिताभ ने जबरदस्त अभिनय किया है। वहीं, बोमन ईरानी ने भी फिल्म में भ्रष्ट राजनेता के रोल को अच्छे से किया है। वह अभिनय के मामले में कहीं पीछे नहीं रहे हैं। हां, इस फिल्म का सबसे बड़ा स्टार चाइल्ड आर्टिस्ट पार्थ भालेराव है, जिसने शानदार एक्टिंग की है।
शाहरुख खान और रणबीर कपूर भी फिल्म का हिस्सा हैं ? :
शाहरुख खान और रणबीर कपूर फिल्म में कुछ ही सेकंड्स के लिए हैं। अनुराग कश्यप ने भी 'भूतनाथ रिटर्न्स' में कैमियो किया है।
कैसा है फिल्म का म्यूजिक? :
फिल्म के सिर्फ दो गाने ही ऐसे हैं, जो सुनने में अच्छे हैं। फिल्म के कुछ और सॉन्ग्स, फिल्म में बिना वजह के लगते हैं। इन गानों के बिना भी फिल्म बनाई जा सकती थी।
बड़ा सवाल- क्यों देखें फिल्म? :
यह एक अलग किस्म की फिल्म है, थीम के हिसाब से। इस फिल्म को आप अमिताभ बच्चन, बोमन ईरानी और चाइल्ड आर्टिस्ट पार्थ भालेराव के शानदार अभिनय के चलते देख सकते हैं। हां, इस फिल्म से ‘भूतनाथ’ जैसी उम्मीद मत रखिएगा।
'भूतनाथ रिटर्न्स' चुनावी मौसम में रिलीज हुई है और यह फिल्म पोल कैंपेन से डील भी करती है, इसलिए भी इस फिल्म को देखा जा सकता है। हालांकि, फिल्म में कई खामियां भी हैं, लेकिन अमिताभ, बोमन और पार्थ के अच्छे अभिनय के चलते वो ज्यादा हाइलाइट नहीं होती हैं :.........
साभार :.........
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