Re: महाभारत के पात्र: भीष्म पितामह
महाभारत के पात्र: भीष्म पितामह
भीष्म के जीवन के 16 रहस्य
नौवां रहस्य...
भीष्म पितामह ने विवाह नहीं करके ब्रह्मचर्य का पालन किया था। उन्होंने अविवाहित रहकर भी इस व्रत का कठोरता से पालन किया था। इसके लिए वे योगारूढ़ होकर ब्रह्म का ध्यान किया करते थे। उनके समक्ष श्रीकृष्ण बच्चे ही थे लेकिन उन्होंने कृष्ण को भगवान रूप में पहचान लिया था। वे सदा कृष्णभक्ति में लीन रहते थे।
महाभारत युद्ध के दौरान श्रीकृष्ण ने निहत्थे रहकर अर्जुन का रथ हांकने की प्रतिज्ञा की थी, लेकिन भीष्म ने उनसे शस्त्र ग्रहण करने का वचन ले लिया था। कृष्ण के लिए यह धर्म-संकट की स्थिति बन गई थी। अंत में भक्त की लाज रखने को जब श्रीकृष्ण रथ का पहिया लेकर दौड़ पड़े, तब भीष्म ने हथियार रख दिए और श्रीकृष्ण के हाथों मारे जाने में ही अपनी मुक्ति समझने लगे। कृष्ण ने ऐसा करके अपने हथियार न धारण करने की प्रतिज्ञा भी पूरी की और भीष्म के कहने पर हथियार धारण करने का वचन भी पूरा कर दिया।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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