सत्यप्रकाश बहुत खुश है क्युं की उनका बेटा नवीन पुरे राज्य में टॉप आया है। वह उसे उसी साबुन की कंपनी में लगाना चाहतें है जहां वे खुद सालों से काम करतें है। बहुत ही बडी कंपनी है। सत्यप्रकाश के पास गाडी है, अच्छा घर है। नवीन के अलावा उसके एक बहन मोहीनी भी है, जिसकी शादी आजकल में ही तय हुई है। उनकी पत्नी यशोदा भी बहुत खुश लग रहीं थी।
वे नवीन को ले कर के अपनी कंपनी में गए। जिसे अब बडे मालिक का बेटा राजपाल चला रहा था। वह बडे सलिके से उन्हें मना कर देता है, यह कह कर की सिफारीश से नौकरी देना उसके उसुलों के खिलाफ है। वें चाहे तो डाक अप्लाय करें। योग्य उमीदवार को जरुर जोब मिलेगी।
ईस पर निराश नवीन अपने पिता के साथ गाडी में घर लोट रहा था। रास्ते में कुछ काम होने के कारण वह गाडी से उतर गया। सत्यप्रकाश आगे निकल गए। नवीन युं ही जब चलता जा रहा था उसे एक खुबसुरत लडकी ने रोक लिया। किसी वहां दुर खडी एक गरीब औरत की मदद करने को कहा जिसे पैसों की जरुरत थी। कुछ ओर सहेलींया भी सब से मदद मांग रही थी। नवीन पांच रुपये दे कर चल पडता है ।
तभी कुछ लोगों ने उसे रास्ते में घेर लिया, थोडा मारा पीटा और गाडी में डाल कर ले जाने लगे। यह देख एक पुलिस जीप पीछे पडे। ईस पर नवीन खुद बुला के बडी मुश्केल से लिफ्ट मिली है! यह सब मेरे मित्र ही है और मेरे फर्स्ट आने की पार्टी मांग रहे थे, मै ईन दिनों गायब रहा ईस लिए मुझेमार रहे थे!
वे सभी सिनेमाघर पहुंचे। सभी मित्रों ने पी रखी थी सो नवीन टिकट लेने गया। वहां क्यू में वही लडकी जो पैसे जमा कर रही थी...खडी थी। वे सभी लडकीयां फिल्म देखने आई थी। उनकी बातों पर से नवीन जान जाता है की वे सब नाटक कर रहीं थी। वह जब उन पर गुस्सा होता है तो वह लडकी उल्टा नवीन को ही फंसा देती है। पब्लिक नवीन को मारने लगती है, नवीन भाग निकलता है।
दुसरी सुबह जब वह उठता है बाथरुम में नहा रहा होता है उसे वही आवाज सुनाई देती है। ईस बार वह अनाथआश्रम के नाम पर चंदा मांग रही थी। जब तक नवीन निलके वह जा चूकी थी। नवीन का गुस्सा ओर भी बढ जाता है।