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Originally Posted by manishsqrt
जाहिर है हम कहेंगे इरशाद, अपने दिल के अरमान कृपा कर निकाल लीजिये
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नहीं, इतना रूखा जवाब देने की आदत हमें नहीं। यदि शेर सुनाने वाली हुई तो मैं बचने के लिए कहूँगा-
'बीबी बीबी ही होती है, चाहे जिस भेष में आए।
रखती मुकम्मल अख्तियार, कान खाकर जाए।'
और यदि शेर सुनाने वाला हुआ तो मैं बचने के लिए कहूँगा-
'हिन्दी इतनी खराब, 'निराला' गश खा जाए।
उर्दू इतनी गजब की, 'ग़ालिब' भी शरमा जाए।'