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Originally Posted by aksh
बहुत ही अच्छा विषय उठाया है मित्र आपने...मन इसमें एक और दिन दहाड़े हो रही धोखाधड़ी को जोड़ना चाहता हूँ जो शायद मैंने पहले भी उठाई है...पर एक बार और सब के सामने लाना चाहता हूँ...
ये उन लोगों के लिए एक सबक है जो ये सोचते हैं कि मीडिया पर सरकारी नियंत्रण है...और संचार कम्पनियाँ भी सरकार के कड़े नियंत्रण का शिकार है...
कुछ टी वी चैनल अक्सर एक प्रोग्राम दिखा रहे होते हैं जिसमें एक सरल सा आसानी से पहचाने जाना वाला चित्र दिखाते हैं और पब्लिक से पुरजोर अपील की जा रही होती है उस चेहरे को पहचानने के लिए.
उस प्रोग्राम में जितने भी फोन आते हैं वो गलत जवाब ही देते हैं और इनाम की राशि बढती रहती है..
बिना पढ़ा लिखा मजबूर टेलीफोन उपभोक्ता ( जो अक्सर प्री पैड कस्टमर होता है...) इनाम की राशि जीतने के चक्कर में अपने सेंकडों रूपये गँवा बैठता है...और ये पैसे टेलीफोन कंपनी और टेलीविजन चैनल आपस में बंदरबांट कर लेते हैं...
क्योंकि इस प्रोग्राम में दिखाए जाने वाले चित्र इतने आसान होते हैं कि कोई भी उनको पहचान लेता है और इस तरह के प्रोग्राम का एक मात्र लक्ष्य सिर्फ भोले भाले लोगों को उल्लू बना कर पैसा कमाना होता है...और वो भी दिन दहाड़े लूट कर....
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मित्र ! मेरी राय आप सभी को यह है कि आप में से कोई भी दिनांक और समय दर्शाने वाले कैमरे से उस प्रोग्राम का चित्र उतार लें और फिर नियामक संस्था तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को शिकायत करें ! इसके लिए भारतीय प्रेस परिषद् से भी शिकायत की जा सकती है ! हालांकि वह इसके लिए उपयुक्त संस्था नहीं है, तथापि मेरा मानना है कि वर्तमान अध्यक्ष जस्टिस काटजू काफी मुखर हैं और इस विषय को वे सरकार के समक्ष पुरजोर तरीके से अवश्य उठा सकते हैं ! यकीन मानें कार्यवाही अवश्य होगी !