Re: Double Role In Hindi Movies
असल मे हीरोइनों से ज्यादा हीरो में यह डबल रोल करने की चाहत ज्यादा होती है। इसलिए ज्यादातर हीरोज ने डबल रोल करने का अपना शौक पूरा किया है। जहां तक हीरोइन का सवाल है, उन्हें इस मामले में ज्यादा मौके नहीं मिल पाए हैं फिर भी नरगिस, शर्मिला टैगोर, राखी, हेमा मालिनी, नीतू सिंह, माधुरी दीक्षित, श्रीदेवी, काजोल आदि कुछ हीरोइन को यह मौका मिला और उन्होंने इसे भलीभांति निभाया भी। । एकाध अपवाद की बात जाने दें, तो डबल रोल में इनके अभिनय की खूब तारीफ भी हुई। हेमा मालिनी ने सीता और गीता में, वैजंती माला ने मधुमती में, साधना ने वह कौन थी में अपने अभिनय की बुलंदियों को छुआ था। बड़े कलाकारों ने ही नहीं बाल कलाकारों ने भी इस तरह के किरदार को बखूबी निभाया है। दो कलियाँ में बाल कलाकार के रूप में दोहरे अभिनय से नीतू सिंह ने सब का मन मोह लिया था। हास्य कलाकारों में एक ही फ़िल्म में महमूद ने तीन-तीन विभिन्न किरदारों को जीवंत कर डाला था।
शुरू से अब तक लगभग 300 दोहरे किरदार वाली हिन्दी फिल्में बन चुकी हैं। जिनमे सब से ज्यादा नब्बे के दशक में 79 फिल्मों का निर्माण हुआ। एक ही साल में सबसे ज्यादा फिल्में बनाने का रिकार्ड 1974 का है जिस साल कुल 12 फिल्में इस विधा की बनीं। जबकि सबसे कम ऐसी फिल्में पचास के दशक में बनीं थीं जिनकी गिनती दस थी।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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