Re: लिमरिक कविता (Limerick Poetry)
There once was a wonderful ape.
Who gave up his skin for a cape.
Now he swings in the trees,
All exposed to the breeze,
Which leaves him in very bad shape.
एक समय की बात है जंगल में था बनमानुस.
कोट बनाने की खातिर बाल दे गया भलमानुस.
वृक्ष वृक्ष अब दोड़ेगा,
खुली हवा में छोड़ेगा,
ठंडी ठंडी आहें सर्दी के मौसम में हो कर फुस.
(अनुवाद/ रजनीश मंगा)
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