Re: ज़िन्दगी गुलज़ार है
पवित्रा,मैं काफी हद तक तुमसे सहमत हूँ पर पूरी तरह से नहीं। मैं मानती हूँ की अगर हम किसी को सम्मान और प्यार देंगे तो ही बदले में हमें सम्मान और प्यार मिलेगा ,लेकिन हर बार ऐसा हो ये ज़रूरी नहीं होता। कई बार लोग आपकी अच्छाई को ,आपकी विनम्रता को आपकी कमज़ोरी मान लेते हैं और आपको हलके में लेने लगते हैं। इसलिए हमें देखना चाहिए की सामने वाला कौन है और कैसा है वैसा ही व्यव्हार करना चाहिए ,क्यूंकि अगर सामने वाले के पास तरबूज़ है तो वो आपको तरबूज़ ही देगा न केला नहीं।
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