Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
Quote:
Originally Posted by dr.shree vijay
झूटे इश्क के गुलशन को गुल गुज़ार न कर!
ऐ नादान इंसान कभी किसी से प्यार न कर!
बहुत धोखा देते हैं मोहब्बत में हुस्न वाले,
इन हसीनो पर भूल कर भी ऐतबार न कर!
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रब कभी कुछ नहीं दिया करता
रात-दिन घंटियाँ बजाने से
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मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !!
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !!
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