Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
डेरे डेरे डोलुं बावरिया रे, जाने सजना है कौन नगरीया रे।
एक झलक तेरी मील जाए, ये पलक मेरी लग जाए,
जियरा को मेरे थोडा चैन आये रे....जाउं तो जाउं कोन नगरिया रे...
डेरे डेरे डोलुं बावरिया रे, जाने सजना है कौन नगरीया रे।
प्रसुन जोशी (अब के सावन १९९६)
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