एक बार मिसिज सहगल गेस्ट बन कर कामना की स्कुल के प्रोग्राम में गई। जहां स्टेज पर कामना अपनी गज़ल प्रस्तुत कर रही थी.... मिसिज सहगल अपने साथ बैठी स्कुल की प्रिन्सीपल से कामना की झुठी शिकायत की। उसने कहा की उसने कई बार पार्टी में बडे आदमीयों के साथ कामना को देखा है। सबुत के लिए मिसिज सहगलने कहा कामना के गले में जो हीरों का हार है वह बहुत किमती है, वह कहां से लाई है? दरअसल वह हार बसंत ने दिया था, यह कह कर की नकली हीरों का हार है।
मिसिज सहगल तो निकल गई, प्रिन्सीपल साहिबा ने कामना से पुछताछ की। हीरो के हार की बात से तो वह भी अन्जान थी। लेकिन अपने आप पर लगे भद्दे ईल्जाम से वह सीदी सादी लडकी तुट गई।
उसे नोकरी से तुरंत बर्खास्त कर दिया गया।
बसंत और कामना की सहेली ने उसे बहुत सहारा दिया। दो-तीन दिन के बाद जा कर कामना जरा संभली।