Re: इधर-उधर से
उर्दू का एक मशहूर शे'र इस प्रकार है:
शायद मुझे निकाल के पछता रहे हो आप
महफिल में इस खयाल से फ़िर आ गया हूँ मैं
--अब्दुल हमीद अदम
थोड़े परिवर्तन के साथ इस शे’र को यूँ पढिये: शायद मुझे निकाल के कुछ खा रहे हो आप
महफिल में इस खयाल से फ़िर आ गया हूँ मैं
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
|