मुक्त होने के लिये
मुक्त होने के लिये
मुक्त होना है तो अभी होना है।
ध्यान करना है तो अभी करना है।
प्रार्थना से भरना है तो अभी भरना है।
एक—एक क्षण में तुम धीरे—धीरे प्रार्थना के मनके पिरोते चले जाओ
तो मृत्यु के समय तक तुम्हारे जीवन की माला तैयार हो जायेगी।
(osho)
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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