धनुष पर बाँध लो डोरी
धनुष पर बाँध लो डोरी
धनुष पर बाँध लो डोरी
कोई तो तीर निकलेगा
तुमुल अनुनाद हो रण में
हर इक रणवीर निकलेगा
पितामह भीष्म हैं और
सामने नतशीश है अर्जुन
तो निश्चित ही धरा के
वक्ष से फिर नीर निकलेगा
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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