प्राचीन सूफ़ी संत और उनका मानव प्रेम
प्राचीन सूफ़ी संत और उनका मानव प्रेम
शेख़ सादी / गुलिस्तां
निम्नलिखित कहानियाँ शेख़ सादी (शेख़ मुस्लीहुद्दीन) की विश्व प्रसिद्ध रचना “गुलिस्ताँ “ से ली गयी हैं.शेख़ सादी (1184-1291 ई.) फ़ारसी के महान और सार्वाधिक लोकप्रिय शायर माने जाते हैं.सादी सौ वर्ष से अधिक समय तक जीवित रहे.अपने जीवन का एक चौथाई हिस्सा सादी ने यात्राओं में बिताया. ऐसा माना जाता है कि इन्हीं यात्राओं के दौरान वह मध्य एशिया, भारत, सीरिया, मिस्र और अरब दुनिया के कई देशों में गया. “गुलिस्ताँ” या ‘गुलाब का बाग़’ (1258 ई.) शेख़ सादी की सर्वोत्तम रचना मानी जाती है. इसमें गद्य और कविता दोनों का सुन्दर रूप दिखाई देता है. इस पुस्तक में सार्वजनिक और वैयक्तिक जीवन के विभिन्न पहलुओं का ज़िक्र किया गया है, उन को समझाने के लिए कहानियां कही गई हैं जिनमे आम आदमी के लिए शिक्षाए भरी हुयी हैं. शेख़ सादी की कई कहानियाँ पंचतंत्र की कथाओं से मिलती जुलती हैं. उनकी दूसरी महत्वपूर्ण कृति का नाम है ‘बोस्तां’ या ‘फूलों का बाग़’ (1257 ई. ). गुलिस्तां में कुल आठ प्रकरण हैं और प्रत्येक में नीति और सदाचार के विभिन्न सिद्धांतों का वर्णन मिलता है.
Last edited by rajnish manga; 03-03-2013 at 08:14 PM.
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