26-09-2011, 06:12 PM
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#22
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Re: सूत्रों का सूत्र :: महासूत्र
बात तो सही कही आपने ...
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Originally Posted by ramya
सागर जी आपकी बात सही है, हिंदी प्रेम होने के कारण मैं कई हिंदी मंच और वेबसाइट पर जाती रही हूँ. उनमे से एक तो काफी बड़ा है और यहाँ के कुछ सदस्य मैंने वहा भी देखे है. कुछ महीने पहले वह तकनिकी खराबी की वजह से सारे पुराने सूत्र चले गए, तो मेरा वहा से मोह भंग हो गया क्योकि जो मंच अपने सदस्यों के अनुपम योगदान को संभाल नहीं सकता उसे अंतरजाल की दुनिया में रहने का कोई अधिकार नहीं है और दूसरी चीज़ तो यह थी की उस मंच पर भ्रमण करने में मानहानि की प्रबल संभावना रहती है, एक डर सा रहता है, जो कदाचित महिलाओं के लिए तो और भी ज्यादा है.
इस मंच में मुझे काफी सम्भ्वानाये दिख रही है और भविष्य उज्जवल नज़र आ रहा है. वैसे यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा है, आगे क्या होगा. आज के भोतिकवादी युग में यह मंच अपने मूल्यों को समेटे हुए कितनी दूर जाता है, देखने योग्य होगा.
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