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भारत-पाक सीमा प्रहरियों के बीच साल भर से कायम है संवादहीनता
पिछले करीब एक साल से पाकिस्तानी रेंजर्स और सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों की नहीं आयोजित हो पाईं बैठकें
जैसलमेर। जम्मू-कश्मीर से लगती सरहद पर पाकिस्तानी सेना द्वारा कई बार युद्ध विराम का उल्लंघन करने से उपजे तनाव के मद्देनजर राजस्थान से लगी सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी गई है, वहीं पिछले करीब एक साल से पाकिस्तानी रेंजर्स और सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों की बैठकें आयोजित नहीं की जा सकी हंै। बल के सूत्रों ने बताया कि कश्मीर में सीमा पार से बार-बार की जा रही फायरिंग के कारण दोनों देशों के सीमा रक्षकों के बीच सीमा पर उपजे छोटे-मोटे विवादों को सुलझाने और सौहार्द कायम करने के लिए होने वाली बैठकें तनाव की भेंट चढ़ गई हैं। सामान्यत: रेंजर्स और सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों के बीच तिमाही और प्रत्येक छह माह में अधिकारियों की बैठक होती हंै। इन बैठकों में रेंजर्स के डिप्टी डायरेक्टर जनरल तथा बल के उपमहानिरीक्षक स्तर के अधिकारी शरीक होते हंै। सूत्रों का कहना है कि जम्मू कश्मीर में लाइन आॅफ कन्ट्रोल तथा सीमा पर बीएसएफ की चौकियों पर फायरिंग का सिलसिला जारी रहने से दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास आ रही है और इसके चलते रेंजर्स व बल के अधिकारियों की बैठकें नहीं हो पा रही हंै। ये बैठक एक बार भारत के क्षेत्र में तथा अगली मर्तबा पाकिस्तान के क्षेत्र में होती है। सूत्रों ने बताया कि इस तरह की अंतिम बैठक गत वर्ष सात नवम्बर को राजस्थान के मुनाबाव में हुई थी। इसके तीन माह बाद अगली बैठक पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त के खोखरापार में होनी थी लेकिन पाकिस्तान की ओर से आमंत्रित ही नहीं किया गया। इसी तरह उपमहानिरीक्षक स्तर की अंतिम बैठक 19 दिसम्बर 2012 को पंजाब के अटारी क्षेत्र में आयोजित हुई थी, जबकि अगली बैठक पाकिस्तान के लाहौर क्षेत्र में होनी थी जो अभी तक नहीं हो पाई। सूत्रों ने बताया कि बीएसएफ के महानिदेशक तथा रेंजर्स के डायरेक्टर जनरल स्तर की बैठक हर छह महीने में आयोजित होती है। ये बैठक भी एक बार भारत तथा दूसरी बार पाकिस्तान में होती थी। इस स्तर की अंतिम बैठक गत वर्ष एक जुलाई को दिल्ली में हुई थी, जिसमें पाकिस्तान से 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आया था। इस बार सितम्बर के अंतिम सप्ताह में लाहौर में होने वाली उच्च स्तरीय बैठक ऐन वक्त पर रद्द कर दी गई। सूत्रों ने बताया कि एक साल से बैठकों का सिलसिला थम जाने के कारण दोनों देशों के सीमा प्रहरियों के बीच संवादहीनता पैदा हो गई है तथा सीमा संबंधी विवादों का हल भी नहीं हो पा रहा है।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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