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Old 30-03-2011, 01:32 AM   #4
VIDROHI NAYAK
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Originally Posted by jitendragarg View Post
भाइयों, जैसा की आप पहले भी सुन और देख चुके है, की कुछ नियामक पड़ छोड़ कर और ये फोरम छोड़ कर चले गए, जैसे अक्ष जी, गुना जी आदि! लगता है, अब समय आ गया है, मैं भी फोरम छोड़ दूं! जानता हूँ, अचानक से खबर सुनकर धक्का जरूर लगेगा आप लोगो को! इसलिए पुराने किस्सों के बारे में, और प्रबंधन सदस्यों के मतभेद के बारे में बताना चाहूँगा.

फोरम जैसे की आप जानते है, की मेरे और अभिषेक जी के दिमाग की उपज थी, पर सम्पूर्ण धनराशि उनकी ही जेब से निकली थी. मेरे पास था तो सिर्फ नया जोश, थोडा सा अनुभव, और हिंदी के प्रति प्रेम. पर आप लोगो ने ये बात हमेशा ही गौर की होगी, की फोरम पर हमेशा से ही अभिषेक जी की ही चलती आई है! मैं तो सारे अधिकार भी नहीं रखता हूँ, अधिकतर कामों के लिए मुझे अभिषेक को ही बोलना पड़ता है! ऐसे में कई बार हमारी इस बात पर बहस होती रहती है, और हर बार मैं एक दो दिन के लिए गुस्सा होकर चला जाता हूँ.! पर हर बार, मैं चुप चाप फोरम पर वापिस आप लोगो से जुड़ने आ जाता हूँ! लेकिन इस तरह अपने आत्म सम्मान को ठेस पहुँचाना मुझे अच्छा नहीं लगता!

पुराने नियामकों को हटाने के पीछे भी यही कारण था, की वो मेरे सुझाये हुए हर नए तरीके को मान रहे थे, और अभिषेक अपने आप को प्रबंधन से हटा हुआ महसूस कर रहे थे! इसलिए प्रबंधन का निर्माण नए सिरे से किया गया था. लेकिन वो समस्या का हल नहीं है! इसलिए इस हफ्ते मैं अभिषेक से मिलकर इस बारे में काफी चर्चा किया. मैं सिर्फ इतना सुझाव दिया की लोगो से अभिसय्स.कॉम का नाम हटा दिया जाये, क्यूंकि वो अभिषेक का खुद का ब्लॉग है. और इस तरह से मेरे द्वारा किये गए सारे कार्य कहीं नज़र ही नहीं आते. मैं अन्य प्रबंधन के सदस्यों के बराबर ही अहमियत रखता हूँ.

आप लोग ही बताइए, ये कहाँ तक सही है, की अभिषेक ने शुरुआत में पैसा खर्चा कर अपने आप को इस फोरम का इकलौता मालिक बना लिया है. अब मेरे कहने पर की मैं बराबर काम किया हूँ, और पैसा भी आधा आधा बाँट रहा हूँ, तो इस फोरम को एक अलग साईट का दर्जा मिलना चाहिए न की अभिषेक की साईट का एक हिस्सा बने रहने देना चाहिए! इस बात पर प्रबंधन के सदस्यों से भी राय ली हम लोगों ने, लेकिन कुछ नए कारणों से सभी प्रबंधन सदस्य आपस में बंट गए है!

मैं पिछले जून से ये ही सब देख रहा हूँ, और मुझे लगता है, की फोरम आज इस स्तर पर है, की मैं भी अपना नाम फोरम के लोगो में देख सकूं. जब मेहनत बराबर तो प्रतिष्ठा भी बराबर होनी चाहिए न! इसलिए आज बड़े भारी मन से ये ९ महीने से प्रबंधन के गर्भ में पल रहा अवैध बच्चा, आज पुरे फोरम के सामने आ रहा है. मैं चाहता हूँ, की मुझे पूरा समर्थन मिले ताकि इस फोरम को abhisays.com के जाल से मुक्त करा सके और इसे वाहन पहुंचा सके जहाँ का सपना हम लोगो ने भी नहीं देखा है!

अभी तो आज अभिषेक इस बात को मैं पूरी दुनिया के सामने न उछलूँ, इसलीये मेरी मेहनत उपयोगी है बोल रहे है. पर अपना नाम तो वो शायद ही हटाये. आखिर इसमें उनका ही फायदा है. कैसे, ये थोड़े समय बाद विस्तार से लिखूंगा, अगर अभिषेक ने और बाकी नियामकों ने जल्द ही कोई नतीजा नहीं निकला तो! तब तक आप लोग से समर्थन की मांग कर रहा हूँ.


अब अवश्य आपके समर्थन में हम हैं ! और अभिषेक जी से निवेदन है की कुछ परिश्रम को भी महत्व दिया जाए ! कोई भी कार्य सिर्फ पैसे की दम पर नहीं हो सकता, मैन पॉवर की आव्यशकता तो पड़ती ही है अतः जितेन्द्र जी को भी उनका हक मिलना चाहिए ! अगर ऐसा नहीं होता है तो जितेन्द्र जी के साथ मै भी इस फोरम से विदा ले लूँगा ! हो सकता हो की इस बात से फोरम पर कोई असर ना पड़े परन्तु ऐसे संप्रभुता के माहोल में मुझ पे फरक जरुर पड़ सकता है !और मै ऐसे माहोल में नहीं रहना चाहूँगा !
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( वैचारिक मतभेद संभव है )
''म्रत्युशैया पर आप यही कहेंगे की वास्तव में जीवन जीने के कोई एक नियम नहीं है''

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