Re: बॉलीवुड के 101 वर्ष> महत्वपूर्ण पड़ाव
बॉलीवुड के 101 वर्ष> महत्वपूर्ण पड़ाव
जाने माने फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल ने कहा किभारतीय सिनेमा की शुरूआत बातचीत के माध्यम से नहीं बल्कि गानों के माध्यमसे हुई। यही कारण है कि आज भी बिना गानों के फिल्में अधूरी मानी जाती हैं।
वाडियामूवी टोन की 80 हजार रूपये की लागत से निर्मित साल 1935 की फिल्म 'हंटरवाली' ने उस जमाने में लोगों के सामने गहरी छाप छोड़ी और अभिनेत्रीनाडिया की पोशाक और पहनावे को महिलाओं ने फैशन ट्रेंड के रूप में अपनाया।
गुजरेजमाने के अभिनेता मनोज कुमार ने कहा कि 40 और 50 का दशक हिन्दी सिनेमा केलिहाज से शानदार रहा। 1949 में राजकपूर की फिल्म 'बरसात' ने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाई। इस फिल्म को उस जमाने में'ए' सर्टिफिकेट दिया गया था क्योंकिअभिनेत्री नरगिस और निम्मी ने दुपट्टा नहीं ओढ़ा था।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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